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रविवार, 21 फ़रवरी 2021

इस कदर



इस क़दर बरसे वो हम पे,
कि बंजर जमीं, समंदर हो गई। 



मैं सब कुछ जीत कर, खुद को हार गया, 
वो सबकुछ हार कर, सिकंदर हो गई ।।
                                अवध कुमार...✍️

मंगलवार, 16 फ़रवरी 2021

मैने मुड़के वापस नही आना


शक के बादलों

पर्वत में

 मत बदल जाना, 


समर्पण के महल मेरे

आंसूओं में 

मत पिघल जाना । 


अपने आबिद को सम्भाल-

मेरे माबूद, 

मैने मुड़ के वापस नही आना ।।

रविवार, 7 फ़रवरी 2021

तुमने छुआ


              तुमने छुआ 

तुमने छुआ उंगलियों को नजरें झुकाकर,

                                   मैं कर्जदार हो गया। 

वो खुशी ,वो फिजा, वो लम्हा 

                                सब यादगार हो गया।। 

                                      अवध कुमार...✍️

गुरुवार, 4 फ़रवरी 2021

वफा़

 

 


             वफा़


खुद को भूला, खुदा को भी भूला,

इंतहा के लिए और क्या चाहिए ? 


न छुएगें लबों को, कभी भी किसी के,

वफा़ के लिए और क्या चाहिए ? 


कदमों मे तेरे, शवा हो गए हम, 

इम्तिहाँ के लिए और क्या चाहिए ? 


झोकों मे तेरे, उड़ा हूँ पतंग सा, 

बता ऐ हवा और क्या चाहिए ? 


तुम्हारे सिवा, याद रहता नही कुछ,

नशा के लिए और क्या चाहिए ? 


ख़ताएं तुम्हारी, क्षमा मैने मांगी, 

राब्ता के लिए और क्या चाहिए ? 


ज़माने के सारे, सितम सह गया मै, 

अदा के लिए और क्या चाहिए ?


ख़ुद्दारी गवाँ दी, तेरी ख़ुशी में, 

फ़ना के लिए और क्या चाहिए ?


सुलगती इश़क की, अगन जल उठेगी, 

तुम्हारे  नजर  की  हवा  चाहिए ।


सातों  जनम  संग   तेरे   रहूंगा, 

फ़क़त इक वफा का मकां चाहिए ।


मैने तो सबकुछ बयां कर दिया है,

बयां के लिए और क्या चाहिए ?


न छुएगें लबों को कभी भी किसी के,

वफा़ के लिए और क्या चाहिए ? 


                         अवध कुमार....✍️



इंतहा = हद, (अंतिम सीमा) । 

इम्तिहाँ = इम्तिहान। 

शवा = ख़ाक, ।

राब्ता = रिश्ता ।

अदा के लिए  = निभाने के लिए ।

हवा = वायु , प्रोत्साहन ।






बुधवार, 3 फ़रवरी 2021

लाजवाब हो गया



        लाजवाब हो गया 


दो शबाबों का मुरक्कब, शराब हो गया ।

तेरी खुशबू से मैं भी, गुलाब  हो  गया ।।


इश्क़ तो पहले भी था,    हसीन  था ।

अब बे-हिसाब, अब ला-जवाब हो गया ।। 

                     अवध कुमार…..✍️


मुरक्कब (उर्दू ) = मिश्रण(हिन्दी), Mixture(English).

मुझको मुझमे ही रहने दो

'मेरा दर्द' मुझे ही सहने दो,  'मुझको' मुझमे ही रहने दो । मैं क्या करता हूँ? पता नहीं,   'पर जो क...