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बुधवार, 24 मार्च 2021

मैं तुम्हारा होना चाहता हूँ



जो बांहे फसाकर चले साथ हम तुम, 

उन बांहो में रातों को सोना चाहता हूँ,

मैं तुम्हारा होना चाहता हूँ । 


जिस प्यार की हसरत रही है मुझे उम्र भर, 

वो प्यार तुम्हें देना चाहता हूँ,

मैं तुम्हारा होना चाहता हूँ । 


पहले मिलन पर मिली जो खुशी थी, 

ये दुनिया बहुत खूबसूरत लगी थी,

उसी दुनिया में खोना चाहता हूँ, 

मैं तुम्हारा होना चाहता हूँ । 


इक दूसरे को मुहब्बत का घर दें , 

जो ख़्वाहिशें हैं 'हकीकत में कर दें',

तुम्हारे संग खुद को संजोना चाहता हूँ, 

मैं तुम्हारा होना चाहता हूँ ।



वीराने में तो बहुत रो चुका हूँ, 

भरी महफिलें भी हुईं पानी-पानी,

कसम है तुझे आके सीने लगा ले,

अब, तेरी बाँहों में रोना चाहता हूँ,


मैं तुम्हारा होना चाहता हूँ ।

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