जो बांहे फसाकर चले साथ हम तुम,
उन बांहो में रातों को सोना चाहता हूँ,
मैं तुम्हारा होना चाहता हूँ ।
जिस प्यार की हसरत रही है मुझे उम्र भर,
वो प्यार तुम्हें देना चाहता हूँ,
मैं तुम्हारा होना चाहता हूँ ।
पहले मिलन पर मिली जो खुशी थी,
ये दुनिया बहुत खूबसूरत लगी थी,
उसी दुनिया में खोना चाहता हूँ,
मैं तुम्हारा होना चाहता हूँ ।
इक दूसरे को मुहब्बत का घर दें ,
जो ख़्वाहिशें हैं 'हकीकत में कर दें',
तुम्हारे संग खुद को संजोना चाहता हूँ,
मैं तुम्हारा होना चाहता हूँ ।
वीराने में तो बहुत रो चुका हूँ,
भरी महफिलें भी हुईं पानी-पानी,
कसम है तुझे आके सीने लगा ले,
अब, तेरी बाँहों में रोना चाहता हूँ,
मैं तुम्हारा होना चाहता हूँ ।
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