:- मेरी मृदुल -:
तेरा नाम मृदुल, तेरा मृदुल-गात।
तेरे कर्ण मृदुल, छोटी सी नाक,
तेरी अंगुलियाँ, तेरे मृदुल हाथ,
कुंचित कपोल, मदभरी आंख
तेरे ओष्ठ मृदुल,व चिबुक भाग,
गर्दन का तेरे, पृष्ठ भाग,
है मृदुल-मृदुल, सम्पूर्ण-गात।।
तेरा नाम मृदुल, तेरा मृदुल-गात।
तेरी सांसे जैसे, सुखद-वात,
ज्यों मलय-बाग का, मलय-वात,
अरे! मृदुल सुनो, मेरी सुनो बात,
पागल करती है, तेरी याद,
है मृदुल मृदुल, सम्पूर्ण गात।
तेरा नाम मृदुल, तेरा मृदुलगात।।
कच्ची-पक्की, नींदों की रात,
नश नश में मेरे, ज्वर बिसात,
हर एक मिलन, तेरा आए याद,
जा रही जान, लगता है आज,
है मृदुल मृदुल, सम्पूर्ण गात।
तेरा नाम मृदुल, तेरा मृदुलगात।।
अवध कुमार........✍️
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