खोजें

बुधवार, 30 दिसंबर 2020

सुबह की पहली याद हो तुम





सुबह की पहली याद हो तुम,
मंदिर में मांगी मुराद हो तुम। 

जो बचपन में सजाई थी हसीन दुनिया तुम संग,
हाँ वही दुनिया, वही फरियाद हो तुम।।
            अवध कुमार....✍️

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

मुझको मुझमे ही रहने दो

'मेरा दर्द' मुझे ही सहने दो,  'मुझको' मुझमे ही रहने दो । मैं क्या करता हूँ? पता नहीं,   'पर जो क...