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मंगलवार, 22 दिसंबर 2020

अभी हमारी बात, बाकी है।


अभी चकोर के, चाँद से, जज़्बात बाकी हैं,
अभी धरती का तरसना बाकी है,
अभी आकाश की बरसात बाकी है।
फुर्सत में मिलो, तो बताएं, तुम्हें माना है क्या? 
अभी हमारी बात अधूरी है,अभी हमारी बात बाकी है।।
                :+:अवध कुमार✍️:+:

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